जायडस कैडिला का यह टीका 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए विकसित किया गया है। इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। यह सुई के इस्तेमाल बगैर लगाया जाएगा।
केंद्र सरकार व दवा कंपनी जायडस कैडिला के बीच कोविड रोधी वैक्सीन जॉयकोव-डी की कीमत तय करने को लेकर चर्चा जारी है। माना जा रहा है कि कंपनी अपने इस तीन खुराक वाले टीके के लिए 1900 रुपये मांग रही है। यह टीका 12 साल के बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को दिया जा सकता है।
सरकार व कंपनी के बीच बातचीत से जुड़े सूत्रों के अनुसार कीमत कम कराने का प्रयास जारी है। इस बारे में अंतिम निर्णय जल्द हो सकता है। सरकार ने गुरुवार को कहा था कि दुनिया की इस पहली डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन को जल्द ही राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इस वैक्सीन की विशेषता यह है कि यह बगैर सुई के इस्तेमाल के लगाई जाएगी।
जेट इंजेक्टर की कीमत 30 हजार रुपये
एक सूत्र ने बताया कि कंपनी ने तीन खुराक के लिए कर समेत 1900 रुपये की कीमत प्रस्तावित की है। कंपनी को इस पर पुनर्विचार के लिए कहा गया है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि जॉयकोव-डी का मूल्य कोवॉक्सिन व कोशिशील्ड से अलग होना चाहिए, क्योंकि इसे लगाने के लिए सुई मुक्त जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल होगा। इस इंजेक्टर का मूल्य 30 हजार रुपये है। इसकी मदद से करीब 20 हजार लोगों को टीके की खुराक दी जा सकती है।
तीन खुराक इस तरह दी जाएगी
जॉयकोव डी की तीन खुराकें लगेंगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी और 56 दिन बाद तीसरी। सूत्रों ने बताया कि कीमत को लेकर सरकार व कंपनी के बीच अब तक तीन दौर की चर्चा हो चुकी है। पिछली बार गुरुवार को चर्चा हुई थी।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय नेशनल टेक्नीकल एडवायजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन (NTAGI) की सिफारिशों का इंजतार कर रही है। यह ग्रुप इस टीके को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने को लेकर विचार कर रहा है। यह इसलिए लाभकारी है, क्योंकि यह 12 से 18 साल के आयुवर्ग के बच्चों को भी लगाया जा सकेगा, जिनके लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है।
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